ईश निन्दा करने वाले कथित धर्मगुरु मानसिक विकृति के शिकार : पं. अमित भारद्वाज     

 

 

मथुरा।  विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं संस्थाओं से जुड़े व धर्म सलाहकार पंडित अमित भारद्वाज का कहना है कि विगत कुछ समय से देखा जा रहा है कि अत्यंत प्रसिद्धि प्राप्त कथित धर्म गुरु अपने मंचों व व्यास पीठ से ईश्वर व अराध्यों के प्रति अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। अभी हाल ही में शिव पुराण कथा वाचक प्रदीप मिश्रा द्वारा श्रीराधा व श्रीकृष्ण के विषय में विवादित वक्तव्य के बाद, कुमार स्वामी नाम के एक अन्य वक्ता द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के विषय जो वक्तव्य दिया है । ये इन लोगों के मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है। ऐसे वक्ताओं की निंदा नहीं बल्कि इनका वहिस्कार करना चाहिए। कथाओं में वक्ताओं द्वारा शास्त्र व पुराण सम्मत बातों को भी भी दरकिनार कर अपनी कपोल कल्पित बातों व विचारों को अपने अनुयायियों को थोप रही रहे हैं। ऐसे लोग सनातन धर्म संस्कृति की हानि कर रहे हैं ऐसे कथित वक्ताओं का विरोध ही नहीं बल्कि बहिस्कार किया जाए। ऐसे कुचक्र को रोकने के लिए शंकराचार्य सहित विभिन्न संप्रदाय के पुरोधा, विद्वतजन सभी मिलकर व्यास पीठ की मर्यादा बनाये रखने के लिए एक आचार संहिता, नियमावली व संविधान बनाये। इस संविधान का उल्लंघन करने वाले वक्ता पर कठोर कार्यवाही का प्रावधान हो। जिससे ऐसी तथाकथित लोगों पर अंकुश लग सके। सत्य सनातन धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए वर्तमान में ये पग उठाना परम आवश्यक है।

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