मानव जीवन में भगवद चिंतन एवं सत्संग का बड़ा महत्व : भागवत विदुषी नेहा तिवारी “किशोरीजी”

 

वृन्दावन।मथुरा रोड़-रमापुरम कॉलोनी स्थित तपस्वी गोस्वामी गौडीय मठ में चल रहे सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में व्यासपीठ पर आसीन भागवत विदुषी नेहा तिवारी “किशोरीजी” ने भक्तों-श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराते हुए कहा कि मानव जीवन में भगवद चिंतन और सत्संग का बड़ा महत्व है।श्रीमद्भागवत रूपी नौका में सवार होकर प्राणी संसार रूपी भवसागर से पार हो जाता है।इसके श्रवण मात्र से जीव के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।साथ ही जन्म व मृत्यु के भय का भी नाश हो जाता है।

भागवत विदुषी नेहा तिवारी “किशोरीजी” ने कहा कि वर्तमान काल में छोटे बच्चों से लेकर युवाओं तक में संस्कारों व धर्मग्रंथों के ज्ञान का बहुत ही अभाव है।इस अभाव को कम करने के लिए श्रीमद्भागवत कथा अत्यंत ही सरल एवं उत्तम मार्ग है।व्यक्ति को जीवन में कभी भी धन,पद,बल और ज्ञान का अभिमान नहीं करना चाहिए।हमें सदैव संत,ब्राह्मण,अतिथि और वृद्ध माता-पिता की सेवा एवं सम्मान करना चाहिए।

ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन श्रीधाम में कराया जाना अन्य स्थानों की अपेक्षा शतगुणा अधिक फल दायी होता है।क्योंकि श्रीधाम वृन्दावन की पावन भूमि वह दिव्य भूमि है,जहां पर स्वयं परब्रह्म परमात्मा ने अपनी अनेकों लीलाएं की हैं।इसीलिए यहां पर धार्मिक आयोजन कराने से अत्यंत पुण्य लाभान्वित होते हैं।

इस अवसर पर अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, भागवताचार्य विष्णुकांत भारद्वाज ब्रजवासी भैया,युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा,बालो पंडित, सुदामा दास,आचार्य ईश्वरचंद्र रावत,आयुष,अनुज,गोविंद शर्मा, हीरा आदि की उपस्थिति विशेष रही।

 

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