
भागवत वक्ताओं पर की गई प्रश्नवाचक टिप्पणी पर विप्र वक्ताओं ने जताया रोष
मथुरा। मुख्यमंत्री योगी आदिनाथ के साथ बैठकर ब्रज के तीर्थ पुरोहित एवं भागवत वक्ताओं पर की गई प्रश्नवाचक टिप्पणी पर विप्र समाज एवं तीर्थ पुरोहित भागवत वक्ताओं व विभिन्न धार्मिक संगठनों की एक बैठक भूतेश्वर स्थित श्रीजी बाबा आश्रम पर आहूत की गई। जिसकी अध्यक्षता चतु संप्रदाय के महंत फूलडोल बिहारी दास महाराज एवं संचालन रमाकांत गोस्वामी ने किया। वही हिंदूवादी नेता गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी व तीर्थ पुरोहित नवीन नागर ने कहा कि सैकड़ों चली आ रही परंपरा को फर्जी कहना अत्यंत खेदपूर्ण है। वही फूलडोल बिहारी दास महाराज ने कहा विगत साडे 500 वर्षों से की जाए परंपरा के अंतर्गत मार्ग और लीला स्थलियों को उन विधायकों द्वारा फर्जी कहना निंदनीय है। वही तीर्थ पुरोहित के बृज क्षेत्र महामंत्री अमित भारद्वाज ने कहा की सैंकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपरा को फर्जी कहना अत्यंत खेदपूर्ण है, पुष्टिमार्ग के गोस्वामी वअनुयायियों द्वारा अपने पूर्वज महाप्रभु वल्लभाचार्य के बाद विगत साढ़े पांच सौ वर्षों से की जा रही परंपरा के अंतर्गत मार्ग व लीला स्थलियों को उन विधायकों द्वारा फर्जी कहना निंदनीय हैं बैठक के मार्गदर्शक गोपेश्वरनाथ ने कहा कि वह लोग केवल निजी स्वार्थवश ऐसा दुष्प्रचार कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्रा व संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा तीर्थ पुरोहितों व ब्रज यात्राओं के जानकारों द्वारा अनेक बैठक कर व उन स्थलों पर जाकर पूर्ण अध्ययन कर योजना व डी पी आर तैयार की है मूर्त रुप देने की तैयारी की है। जिन्होंने भी मुख्यमंत्री से कल भेंट की उन्हें ब्रज की तनिक भी जानाकारी नहीं है सभी प्राचीन संप्रदायों के ग्रंथों में अंतर ब्रज यात्रा का उल्लेख है,ब्रज के विकास में निरंतर कार्य कर रहे रमाकांत गोस्वामी ने कहा कि वाह्य परिक्रमा में कोई भी तीर्थ स्थल नहीं जबकि परंपरागत यात्रा मार्ग में 12 वन 24 उपवन व लीला स्थलियों के दर्शन है , उन्होंने कहा कि वाह्य परिक्रमा केवल अधिक मास या कार्तिक मास में लगती है जबकि अन्तर परिक्रमा निरन्तर चलती है वर्ष में लाखों लोग व विभिन्न संप्रदायों के आचार्यों द्वारा लगाई जाती है। उत्तर प्रदेश युवा ब्राह्मण महासभा के संस्थापक राजेश पाठक एवं श्याम शर्मा ने कहा जिनको धर्म व ब्रज की जानकारी नहीं वह ब्रज पर ज्ञान दे रहे है।मान मंदिर मंदिर बरसाना के सुनील सिंह, भागवत वक्ता आचार्य लालजी भाई ,राम शास्त्री, राघव शास्त्री, मधुवन बिहारी के महंत, युवा ब्राह्मण महासभा के राजेश पाठक अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रयाग नाथ चतुर्वेदी, वरिष्ठ नागरिक समिति के एस एस जौहरी, कालिंदी सेवा संस्थान के गोपालाचार्य, महंत भगवान दास, दिनेश पंडा, मान मन्दिर के सत्यवीर, सर्वोदयी ब्राह्मण संस्थान के नारायण शर्मा, तीर्थ पुरोहित यज्ञदत्त चतुर्वेदी ब्राह्मण नेता श्याम शर्मा, नंद लाला मन्दिर नंदगांव के सेवायत शुशील गोस्वामी, विजय कृष्ण आचार्य, राघव आचार्य, श्रीकांत भंडारी, कृष्ण गोपाल भारद्वाज, डा हरिप्रसाद द्विवेदी, राजेंद्र भगत अमित पचौरी कृष्णकुमार दीक्षित, मुकेश स्वामी आदि ने भी अपने वक्तव्य के माध्यम से विरोध किया। रमाकांत गोस्वामी ने बताया कि पुन ब्रज मंडल स्तर की एक वृहद बैठक 5फरवरी को आहूत होगी, इसके बाद 6 फरवरी मुख्य मंत्री के आगमन पर उन से प्रतिनिधि मंडल मिलेगा और अपनी बात रखेगा।