4 जून के बाद योगी बरसाना में करेंगे रोप-वे का उद्घाटन

 

 

मधुत । बरसाना में राधारानी के दर्शन को रोप-वे को लेकर आठ वर्षों का इंतजार अब खत्य होने जा रहा है। रोप-वे यांजना का ट्रॉयल तीन जून से शुरू हो जाएगा। माना जा रहा है कि 15 जून के बाद इसका विधिवत संचलन हो सकता है। इसका उद्घाटन करने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आ सकते हैं। बरसाना रोग-वे परियोजना 2016 में प्रारंभ की गई थी। इसके माथ ही बिंध्याचल होप वे की परियोजन भी शुरू की गई थी। विंध्याचल रोप-वे तो कोरोना कान से पहले ही शुरू हो गया था, लेकिन बासाना रोष-ये का निर्माण लंबे समय ने पूरा नहीं हुआ। उसका निर्माण रधारनी रोप-वे कंपनी कर रही है।

मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने एक माह पहले परियोजना की धीमी गति पर नाराजगी जताई और कंपनी के साथ एमओयू निरस्त करने की चेतावनी दी। तब कार्य में तेजी आई। अब तय हुआ कि तीन और चार जून को रोप पे का ट्रॉयत कराया जाएगा। इसमें मिट्टी के चोरे भरकर रोन-वे की वजन उठाने की क्षमता आंकी जाएगी। ट्रॉयल रन सफल होने के बाद 15 जून के बाद इस सेवा को स्थायी तौर पर शुरू कराया जा सकता है। संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री योगो आदित्यनाथ इस सेवा का शुभारंभ करेंगे। मथुरा-वृंदावन विकस प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एसबी सिंह और सचिव अरविंद

कुमार द्विबेदी आवि अधिकारियों ने परियोजना स्थल का निरीक्षण भी कर चुके है। अब तक शेष रहे कार्यों के लिए अलग-अलग समय सीमा तय की गई है। कंपनी की ओर से मुख्य रूप से फैलीपर ब्रेक इंस्टालेशन के लिए 20 मई, रिटर्न स्टेशन 25 मई, 40 एमएम रोष लेइंग और पुलिंग के लिए 26 मई मुख्य रोप लेइंग और पुलिंग के लिए 28 मई और सभी ट्राली फ्टि करने के लिए 30 मई तक की समय सीमा दी गई है। बर्तमान में ब्रह्मांचल पर्वत पर स्टेशन बनाए जाने का काम बल रहा है। निर्धारित दूरी पर पिलर लगा दिए गए हैं, लेकिन रोप अभी तक फिट नहीं हुई है। स्टेशन का प्लेटफार्म बनाए जाने का काम अभी नहीं हो सका है। प्लेटफार्म की जगह अभी कच्ची पड़ी हुई है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि रोप और ट्रालियों की डिलीवरी हो गई है और इनको तयशुदा समय में लगा दिया जाएगा। रोप-वे के लिए

मंदिर के निकट जमीन और बीच में आ रहे एक वर्जन पेड़ हटाने में लंबा वक्त लगा। मधुरा-वृंदावन विकस प्राधिकरण की ओर से सुप्रीम फोर्ट और एनर्जीटी ने अनुमति मांगी गई और जन विभाग से जमीन भी खरीदी गई। इस पर करीब तीन करोड़ रुपये विकस प्राधिकरण ने खर्च किए। रोप- वे बनाने और उसके संचालन का दायित्व प्राधिकरण द्वारा राधरान रोप-वे प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया।

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