कांग्रेस नेताओं को रोककर सरकार ने की लोकतंत्र की हत्या

 

 

मथुरा ।  उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या का एक और उदाहरण सामने आया है। आज नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी संभल हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने जा रहे थे, लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने उन्हें जबरन रोक दिया।

यह घटना एक बड़ा सवाल उठाती है कि क्या देश के नेता प्रतिपक्ष अपनी ही देश की पीड़ित जनता से नहीं मिल सकते? क्या यह लोकतंत्र की हत्या नहीं है? उत्तर प्रदेश सरकार को यह समझना चाहिए कि लोकतंत्र में नेताओं को जनता से मिलने का अधिकार है।संभल के डीएम द्वारा गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, अमरोहा और बुलंदशहर पुलिस को पत्र लिखना और राहुल गांधी को रास्ते में रोकने का निर्देश देना यह दशार्ता है कि सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है। क्या यह घटना सरकार की विफलता का

परिणाम है ? कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि सरकार संभल में हुई घटना की न्यायिक जांच करे और दोषियों पर कठोर कार्यवाही करे। यह घटना उत्तर प्रदेश सरकार की विफलता का एक बड़ा उदाहरण है और यह दर्शाता है कि सरकार कानून और व्यवस्था को बनाए रखने में असफल हो रही है।

गाजीपुर बॉर्डर दिल्ली पर उपस्थित महानगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विक्रम बाल्मीकि महासचिव उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी और मथुरा से पूर्व लोकसभा प्रत्याशी मुकेश धनगर हरवीर सिंह पुंडीर, अप्रतिम सक्सेना, जिलानी कादरी, मनवेंद्र पांडव, संजय पचौरी, मनोज गौर, उमाशंकर शर्मा, प्रदीप सागर, रमेश कश्यप, मानवेंद्र पुंडीर, विवेक अग्रवाल, विपुल पाठक, गौरव सिंह, नितिन वष्र्णेय, गोपाल बंसल, पूरन सिंह, अमित राज, अनवर फारूकी, अनिल खरे संजय सक्सेना आदि मौजूद थे।

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