
जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु त्रिगुणात्मक मुकाबला रणनीति बनाने में जुटे दावेदार
कौन होगा अगला जिला पंचायत अध्यक्ष
मथुरा(गोपाल शर्मा)। जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना में जिला पंचायत सदस्य हेतु आई रुझानों के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष हित लामबंदी का खेल प्रारंभ हो गया है इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी बहुजन समाज पार्टी और लोकदल के चुनावी रणनीतिकार जोड़-तोड़ करने में जुट गए वही इसे लेकर राजनीति क्षेत्रों में यह चर्चाएं प्रारंभ हो गई है अगला जिला पंचायत अध्यक्ष कौन होगा।
जिला पंचायत ऐसी संस्थाएं न्यू जनपद की राजनीति में सांसद की क्षेत्र के बराबर महत्व रखती है इसी के चलते प्रत्येक राजनीतिक दल की यह अच्छा रहती है कि वह अध्यक्ष पद पर अपना उम्मीदवार चुनवा सके। इसी के चलते हर दल के रणनीतिकार और जिला पंचायत अध्यक्ष के दावेदार प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही अपने समर्थक सदस्यों को अधिक से अधिक जताने में पूरी ताकत लगा देते हैं। इस बार रुझानों में अब तक जो बात सामने आई है उसे यह तय हो गया है इस बार अध्यक्ष पद हेतु त्रिगुणात्मक मुकाबला होने थे, रुझानों में बहुजन समाज पार्टी जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में बड़ी पार्टी बनकर उभरी है उसके लगभग एक दर्जन उम्मीदवार या तो चुनाव जीत चुके हैं या आगे चल रहे हैं पूर्व मंत्री और विधायक पंडित श्याम सुंदर शर्मा की पत्नी सुधा शर्मा रिकॉर्ड तोड़ मतों से चुनाव जीत गई। दूसरे नंबर पर लोकदल है जिसके नौ उम्मीदवार चुनाव जीत चुके हैं या जीतने के कगार पर हैं। इसी तरह भारतीय जनता पार्टी की भी आधा दर्जन के करीब प्रत्याशी चुनाव जीत चुके हैं या बढ़त बनाए हुए हैं। इन दोनों से ही यह स्पष्ट हो गया है कि अध्यक्ष पद हेतु मुकाबला त्रिगुणात्मक होना। हालांकि रालोद को लोकदल के पूर्व विधायक तेजपाल सिंह की धर्मपत्नी सुधा सिंह भाई की पत्नी की हार के बाद झटका लगा है इसके बाद बसपा की कमान पंडित श्याम सुंदर शर्मा ने संभाल ली ंहै, तो भारतीय जनता पार्टी की कमान कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और लोकदल की कमान पूर्व पंचायत अध्यक्ष चेतन मलिक व जिलाध्यक्ष संभाले हुए हैं।
इस त्रिगुणात्मक मुकाबले के बारे में जब पूर्व मंत्री पंडित श्याम सुंदर शर्मा से बात की गई तो उनका कहना था उक्त चुनावों में बहुजन समाज पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर आई है हम परिणामों पर नजर रखे हुए हैं। हमारा प्रयास होगा बसपा का जिला पंचायत अध्यक्ष बने लेकिन इस सबकी अगली रणनीति का निर्णय बसपा सुप्रीमो बहन मायावती जी करेंगी। उन्होंने कहा कि क्यों रुझानों में लगभग आधा दर्जन निर्दलीय भी जीते हैं जो किसी के भी साथ जाने को स्वतंत्र हैं जब उनसे कहा गया कि केबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा का बनने का दावा कर रहे हैं, तो उनका कहना था कि वे मंत्री हैं उनको अधिकार होगा। वह कह सकते हैं मैं पूर्व मंत्री हूं और हमारी दल में बहनजी का फैसला ही सर्वमान्य होता है। जब इस संबंध में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मण चौधरी से वार्ता की गई उनका कहना था कि उनका पिछले दिनों स्वास्थ्य खराब था और उनकी पुत्री की शादी थी इसके चलते उन्होंने जिम्मेदारी भाजपा के जिला उपाध्यक्ष और अपने प्रतिनिधि नवदीप चौधरी को सौंपी थी उन्होंने पूरी मेहनत से सदस्यों को जिताने में मेहनत की है और जहां तक मेरा संज्ञान है छाता क्षेत्र में पार्टी को विजय भी मिल रही है उन्होंने कहा परिणाम आना बाकी है और हमारा प्रयास होगा। जिला पंचायत अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी का बने। जब उनसे संख्या बल पर बात की गई तो उनका कहना था परिणाम आने दो जहां तक मेरे संज्ञान में है कुछ संख्या निर्दलीयों की है और निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी को सहयोग करना चाहेंगे। वही लोकदल रणनीतिकार का कहना था कि लोकदल बड़ी संख्या में अपनी सदस्यों को विजयी बनाने में सफल रहा है हम अपना अध्यक्ष चुने जाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। हाईकमान को निरंतर जानकारी दी जा रही है पार्टी तय करेगी हाईकमान तय करेगा। जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर लोकदल की भूमिका क्या होगी। चुनाव परिणाम आने के बाद नोट बंदी का खेल शुरू होगा। कौन किसके साथ जाएगा, कौन बिकेगा, कौन खरीदेगा और कौन जिला पंचायत का अध्यक्ष होगा। यह आने वाला समय बताइएगा।