
प्रदेश सरकार के सारे दावे दिखाई दिए फेल
प्रदेश की सरकार लाख दावे करें कि हर मरीज को सरकारी अस्पताल में समय से इलाज मिल रहा है लेकिन आज हमारे कैमरे में कैद ये तस्वीरें सरकार के दावे को झूंट साबित करती दिखाई दे रही
मथुरा। (प्रवीण मिश्रा) जिला अस्पताल में इमरजेन्सी के बाहर तड़पती इस महिला की तस्वीरों के द्वारा
ये महिला है सीला देवी जोकि नीमगांव के पास पिहडि गांव की जिसके परिजन आज उसे जिला अस्पताल इलाज हेतु लाए थे चूंकि उसके काफी तेज घबराहट हो रही थी जिससे उसे बेचैनी के कारण यहां भर्ती कराकर इलाज कराना चाहते थे मगर जैसे ही उसे जिला अस्पताल की इमरजेंसी सेवा के बाहर लाया गया तो डॉक्टर ने उसे इलाज तो दूर परिजनों के अनुसार देखने की भी जहमत नही उठाई जिससे वो यहाँ जमीन पर पड़े पड़े घंटो तक तपडती रही मगर डॉक्टर ने इलाज करने की बजाय परिजनों से साफ कह दिया कि यहां भर्ती नही हो सकती इसे घर ले जाओ जिससे शीला के परिजन बार बार दुहाई देते रहे मगर डॉक्टर ने किसी की नही सुनी ।जिसके बाद परिजनों ने साफ कहा कि घंटो तक इलाज नही मिला है और एक महिला बेचैनी के कारण घंटो तक अस्पताल के अंदर जमीन पर तड़पती रही मगर ये धरती के भगवान उसपर किसी भी तरह से तरस खाते दिखाई नही दिए जिससे यही लगता है कि सरकार के दावे और कैमरे की सच्चाई दोनों कहीं भी मेल खाती दिखाई नही देती हाला की जब मीडिया कर्मियो के द्वारा ये कवरेज करने के बाद इनको एडमिट कराया गया
प्रदेश की सरकार लाख दावे करें कि हर मरीज को सरकारी अस्पताल में समय से इलाज मिल रहा है लेकिन आज हमारे कैमरे में कैद ये तस्वीरें सरकार के दावे को झूंट साबित करती दिखाई दे रही
मथुरा के जिला अस्पताल में इमरजेन्सी के बाहर तड़पती इस महिला की तस्वीरों के द्वारा
ये महिला है सीला देवी जोकि नीमगांव के पास पिहडि गांव की जिसके परिजन आज उसे जिला अस्पताल इलाज हेतु लाए थे चूंकि उसके काफी तेज घबराहट हो रही थी जिससे उसे बेचैनी के कारण यहां भर्ती कराकर इलाज कराना चाहते थे मगर जैसे ही उसे जिला अस्पताल की इमरजेंसी सेवा के बाहर लाया गया तो डॉक्टर ने उसे इलाज तो दूर परिजनों के अनुसार देखने की भी जहमत नही उठाई जिससे वो यहाँ जमीन पर पड़े पड़े घंटो तक तपडती रही मगर डॉक्टर ने इलाज करने की बजाय परिजनों से साफ कह दिया कि यहां भर्ती नही हो सकती इसे घर ले जाओ जिससे शीला के परिजन बार बार दुहाई देते रहे मगर डॉक्टर ने किसी की नही सुनी ।जिसके बाद परिजनों ने साफ कहा कि घंटो तक इलाज नही मिला है और एक महिला बेचैनी के कारण घंटो तक अस्पताल के अंदर जमीन पर तड़पती रही मगर ये धरती के भगवान उसपर किसी भी तरह से तरस खाते दिखाई नही दिए जिससे यही लगता है कि सरकार के दावे और कैमरे की सच्चाई दोनों कहीं भी मेल खाती दिखाई नही देती हाला की जब मीडिया कर्मियो के द्वारा ये कवरेज करने के बाद इनको एडमिट कराया गया