
भगवान श्री परशुराम जी के प्राण प्रतिष्ठित चल विग्रह का हुआ पंचामृत जन्म महाभिषेक
मथुरा/(प्रवीण मिश्रा/आरती शर्मा) कोविड के चलते इस बार सूक्ष्मता से मनाया प्राकट्य उत्सव,लोगों को नही किया आमंत्रित* इस बार विष्णु अंशावतार भगवान श्री परशुराम जी का परंपरागत प्राकट्योत्सव कोरोना महामारी के चलते सूक्ष्मता से मनाया गया। सजातीय बंधुओं को भी सुरक्षात्मक दृष्टि से आमंत्रित नहीं किया गया।
प्रात: बेला के शुभ मुहूर्त में मोहित भवन में विराजमान प्राचीन अष्टधातु के भगवान परशुराम के श्री विग्रह का पुरूसूक्त के पाठ के साथ वैदिक विधि से पंचामृत जन्म महाभिषेक विप्रसेवी पंडित अमित भारद्वाज व श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति के अध्यक्ष पंडित शशांक पाठक ने घंटे घड़ियाल की मंगल ध्वनि के मध्य किया । अभिषेक के उपरांत बेला के पुष्पहारों से श्रृंगारित कर शीतल पेय, सतुआ व मौसमी फलों का भोग अर्पित किया गया। महामारी से विश्व की मुक्ति के लिए स्तुति कर याचना की गयी। एवं 21 दीपों से महाआरती की गयी। पं. अमित भारद्वाज ने कहा कि सभी ब्राह्मण बंधुओं को परशुराम के कार्यो से प्रेरणा लेकर समाजहित व लोकहित के कार्य के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। सर्व कल्याण की भावना से जनहित के कार्यों में सलग्न रहना चाहिए। इस अवसर पर विश्व कल्याण की भावना व महामारी से मुक्ति का संकल्प लेकर पं. शशांक ने परशुराम स्त्रोत के 108 पाठ का अनुष्ठान भी किया ।