
जमीन हड़पने को लेकर की गई थी महेन्द्र की हत्या, दो हत्यारोपित गिरफ्तार
मथुरा। थाना हाइवे क्षेत्र अंतर्गत धनगांव भैंसा रोड पर 31 जून को महेन्द्र हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा रविवार दोपहर पुलिस लाइन सभागार में कर दिया है। जमीन हड़पने के लिए महेन्द्र की हत्या की गई है, जिसमें अभी तक दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि इस हत्याकांड में शामिल अन्य की तलाश में पुलिस जुटी है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त की कार भी बरामद कर ली है।
पुलिस लाइन सभागार में रविवार दोपहर पुलिस अधीक्षक नगर एमपी सिंह ने बताया कि थाना क्षेत्र हाइवे मथुरा अन्तर्गत धनगांव भैसा रोड पर 31 जून 2021 की सुबह सडक किनारे अज्ञात शव मिलने की सूचना पर मृतक के शव का पंचायतनामा/पोस्टमार्टम की कार्यवाही की गयी थी पी0एम0 रिपोर्ट मे मृत्यु गला घोटने के कारण होनी पायी गयी। मृतक की शिनाख्त महेन्द्र पुत्र ओमप्रकाश नि0 किशोरपुरा गांधी नगर थाना वृन्दावन मथुरा के रूप मे हुई। मृतक के भाई की पत्नी ने द्वारा पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई जिसमें यह पांचों लोग निर्दोष निकले पुलिस ने गहनता से जांच की तो पता लगा कि जमीन हड़पने के चक्कर में क्रेताओं ने ली हत्या करवा दी थी। पुलिस ने हत्या में शामिल राजेश पुत्र उदयचन्द्र नि0 फालिन थाना कोसीकलां, रमेश पुत्र कारे निवासी सरस्वती बिहार कॉलौनी वृंदावन को गिरफ्तार करते हुए इंडिका विस्टा कार भी बरामद कर ली है।
घटना क्रम के अनुसार मृतक महेन्द्र व उसके साले की जमीन की तहसील से जांच की गयी तो मृतक के भाई कृष्णगोपाल उर्फ जादू द्वारा दो बैनामा किये गये थे, उनके बैनामा की जाँच करने पर बैनामा फर्जी पाये गये विक्रेता कृष्णगोपाल का ना तो फोटो था और ना ही उसके हस्ताक्षर थे । क्रेतागण रमेश व मुकेश सिंह तथा गवाह जैल सिंह से पूछताछ की गयी तो मुकेश सिंह पुत्र केशवदेव नि0 सिहाना थाना छाता मथुरा ने बताया कि इस जमीन का सौदा रमेश व उदय गौतम ने चार लाख रूपये लिये थे । बैनामे मे गवाह मुकेश शर्मा व जैल सिंह बने थे । रमेश से पूछताछ करने पर उसने बताया कि उदय गौतम पुत्र जगदीश गौतम नि0 गंगोत्री विहार थाना सिकन्दरा आगरा, मुकेश शर्मा पुत्र हरिओम शर्मा नि0 ओहावा थाना सुरीर मथुरा व राजेश पुत्र उदयचंद नि0 गांव फालैन थाना कोशी जनपद मथुरा के साथ मिलकर महेन्द्र व उसके भाईयों की जमीन हडपने के लिये योजना बनाई थी । इसी क्रम मे हम लोगों ने दो बैनामे फर्जी तरीके से करा लिये थे और उदय गौतम ने 100 रूपये के स्टाम्प पर 300 वर्ग गज जमीन का सौदा महेन्द्र गौतम से कर लिया था जिसके पैसे बकाया थे । फर्जी मुकदमों की भनक महेन्द्र को लग गयी थी और उसने जेल भिजवाने के लिये धमकी दी थी । जेल जाने से बचने के लिये व जमीन को हडपने के लिये महेन्द्र की हत्या करना आवश्यक हो गया था 30 जून को रमेश ने फोन करके महेन्द्र को अपने घर बुलाया था । उदय गौतम, मुकेश शर्मा और राजेश के साथ मिलकर हम लोगो ने महेन्द्र को कार में बैठा लिया और घर से कुछ ही दूरी पर कार मे ही गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी और शव को जलाने की नीयत से धनगांव की तरफ ले गये थे। शव को जलाने ही वाले थी की दूसरी तरफ से दो मोटरसाईकिलें आती दिखाई दी और हम लोग शव को वहीं छोडकर भाग आये।