
जागृति महिला मंडल द्वारा की गई एक आयोजित बैठक
मथुरा जागृति महिला मंडल द्वारा विगत 28 दिन से चल रहे ब्रज बचाओ बंदर भगाओ जन जागृति अभियान के अंतर्गत आगामी रणनीति को लेकर बंगाली घाट स्थित लक्ष्मी भवन धर्मशाला के सभागार में एक आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया उक्त बैठक की अध्यक्षता श्रीमती सुधा चतुर्वेदी एवं कुशल संचालन पूजा चतुर्वेदी रंजना चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से किया।
जागृति महिला मंडल की बैठक की अध्यक्षता कर रही श्रीमती सुधा चतुर्वेदी ने कहा कि प्रशासन व शासन इतनी अनदेखी करेगा ऐसा पता नहीं था इतनी उदासीनता की वजह से बन्दरो की जनसंख्या वआतंक बढ़ता ही जा रहा है इसी क्रम में चन्द्रावती ने कहा अब हमें किसी का लाठी से स्वागत करने करने में शर्म नहीं आती क्योंकि लाठी लेकर ना चले तो बंदर हमारा स्वागत करने में तनिक भी देर नहीं लगाते बैठक में बोलते हुए रीना चतुर्वेदी ने बंदरों से निजात पाने में स्वच्छता पर जोर दिया वही रंजना ने प्रशासन शासन से मार्मिक अपील करते हुए कहा यह बंदर अब धर्म में भी बाधक बन गये है पूजा की थाली आदि सामान को छीन कर ले जाते है साथी ही घर में रखी फ्रीज का सामान भी गेट खोलकर बेखोफ ले जाते है। मंचासीन निर्मला चतुर्वेदी ने कहा अब नहीं तो कभी नहीं जन जागृति अभियान को किसी भी सूरत में हम रुकने नहीं देंगे बन्दरो को हम भगाकर ही दम लेंगे इसके लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा या जेल में जाना पड़े अब परवाह नही।
इसी क्रम में गंगा रानी चतुर्वेदी ने कहा आज हम सभी महिलाएं एकजुट हो चुकी हैं आगे भी एकत्र और सक्रिय रहेंगे सभी ब्रज की महिलाओं से मार्मिक अपील की कि वह आगे आए हमारे साथ इन आतंकी बंदरों को भगाने का संकल्प लें यह लड़ाई हम सब की है अपने खुद को जागृत करें वह अपने अंदर जनजागृति की भावना पैदा करें लाज के पर्दे से निकलकर बाहर आएं कल आने वाली पीढ़ी हम पर ना थूके तमाशबीन बने क्यों तमाशा देखते रहे हैं इसी क्रम में पदमा चतुर्वेदी ने कहा कि हम आज तक टूटी सड़कें खारा पानी बिजली यमुना नदी आदि समस्याओं से कभी परेशान नहीं हुए किंतु आज हम अपनों की जान को लेकर आए संकट से बेहद घबरा हुए हैं बंदर एक ज्वलंत समस्या बन गये हैं योगी जी मोदी जी इनको कैसे भी हम मथुरावासियों को निजात दिलाएं वहीं सचिन वह मनोज पाठक ने जन जागृति की अलग को जागृत रखने पर जोर दिया सभी तरह का सहयोग की अपील की आप बंदरों को संघर्ष करें हम आपके साथ हैं संयोग में खड़े हैं।
इसी क्रम में अखिलेश शास्त्री ने कहा कि पहले कष्ट नहीं होता था हमें आज बहुत भयभीत है, बंदरों के आतंक से मुक्ति मिले हमें अपना वही प्राचीन ब्रज में रामराज्य स्थापित हो बैठक में बोलते हुए नरेन्द्र एम. चतुर्वेदी कहा कि पहले महिलाओं के हाथ में लाठी देखकर लोग चौक जाते थे आज बंदरों के आतंक के चलते उन्हें लकड़ी लेकर चलने पर मजबूर कर दिया है बंदरों को लेकर हम सरकार पर दबाव किसी प्रकार का बनाना नहीं चाहते किंतु सरकार हमारी बात को गंभीरता से लें सुने, हो सकता है दोनों के बैठने से कोई हल निकल आए साथी हम उनकी सफारी को टुकड़ो में भी बनाए तो बन्दरो से निजात मिल सकती है कोई ऐसा रास्ता निकालें सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे बैठक में मुख्य मधु चतुर्वेदी सुधा चतुर्वेदी, आरती चतुर्वेदी, चंद्रावती चतुर्वेदी, सुनीता चतुर्वेदी, सत्या चतुर्वेदी, रीना चतुर्वेदी, रंजना चतुर्वेदी, निर्मल चतुर्वेदी, मनिया चतुर्वेदी, पूजा चतुर्वेदी, लता चतुर्वेदी, लता चतुर्वेदी, शशि चतुर्वेदी, कल्पना चतुर्वेदी, रेनू चतुर्वेदी, गुलाब चतुर्वेदी, पदमा चतुर्वेदी, गंगा रानी चतुर्वेदी, अंजलि, सुकुमारी, बाला पाठक, कृष्णा, पूनम, रीता, गुलाब, मीनू, भज्जो, इसके अतिरिक्त सुखदेव, मनोज पाठक, अनुराग, अखिलेश शास्त्री गोपाल यादव आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।