
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश में व्यापार व निवेश के लिए पर्याप्त और निर्बाध बिजली, त्वरित कनेक्शन : पं. श्रीकान्त शर्मा
– रुक्मिणी विहार में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय सम्मेलन
– कृषि व उद्योगों की डीजल पर निर्भरता हुई कम, मिल रही पर्याप्त बिजली
– 4.68 लाख करोड़ रुपये के MOU पर हस्ताक्षर हुए हैं
– मोदी सरकार के प्रोत्साहन पैकेज से राज्य के औद्योगिक, व्यावसायिक व घरेलू उपभोक्ताओं को 4500 करोड़ रुपये से अधिक की राहत
मथुरा। ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पं. श्रीकान्त शर्मा ने बुधवार को मथुरा के रुक्मिणी विहार में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय सम्मेलन में प्रतिभाग किया। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत और इन्वेस्ट इंडिया संकल्प की दिशा में आगे बढ़ रही योगी सरकार ने प्रदेश में व्यापार व निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है। इससे राज्य में 4.68 लाख करोड़ रुपये के MOU पर हस्ताक्षर हुए हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकारों में बिजली आती नहीं थी इसलिए डीजल के ज्यादा इस्तेमाल से उद्यमियों को उद्योग चलाने व किसानों को खेती करने की लागत कई गुना बढ़ जाती थी। अब भाजपा सरकार में बिजली जाती नहीं है इसलिए निवेश भी बढ़ रहा है और किसानों की आय भी बढ़ रही है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पर्याप्त बिजली, निवेश मित्र पोर्टल से त्वरित बिजली कनेक्शन, सिंगल विंडो क्लियरेंस, उद्यमियों के लिए सुविधा व सुरक्षा के माहौल से निवेश व प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दोनों बढ़ रहा है। इज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस में उत्तर प्रदेश अब दूसरे पायदान पर पहुंच गया है।
उन्होंने बताया की निवेश मित्र पोर्टल से आसानी से कनेक्शन मिलने के कारण कोरोनाकाल में भी करीब 29,000 औद्योगिक व व्यावसायिक कनेक्शन जारी हुए हैं।
कोविड-19 की पहली लहर के दौरान औद्योगिक व व्यावसायिक उपभोक्ताओं के एक माह के फिक्स्ड चार्ज के रूप में 342.68 करोड़ रुपये माफ किये गये। एकमुश्त समाधान योजना के तहत 1.75 लाख व्यावसायिक व औद्योगिक उपभोक्ताओं का 150.66 करोड़ रुपये का सरचार्ज माफ किया गया।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के प्रोत्साहन पैकेज से सरचार्ज माफी, फिक्स्ड चार्ज छूट, गलत तरीके से लगाई गई इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और रेगुलेट्री चार्ज हटा कर योगी सरकार ने राज्य के उपभोक्ताओं को 4500 करोड़ रुपये से अधिक की राहत दी है।