
देशी विदेशी भक्तों ने गोवर्धन पूजा कर लगाई परिक्रमा, मानव श्रृंखला से पटा परिक्रमा मार्ग
मथुरा। मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली गिरिराज पूजा के प्राकट्य स्थल गोवर्धन धाम में पूजा के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। गोवर्धन पूजा महोत्सव में देश-विदेश से आए श्रद्धालु भक्तों ने दीपावली के दिन गोवर्धन पर्वत की 21 किमी परिक्रमा लगाई। रात में मानसी गंगा के तट पर दीप दान किया। शुक्रवार को विदेशी भक्तों की टोलियां गौड़ीय मठ आश्रम से गोवर्धन पूजा के लिए परिक्रमा मार्ग पर निकली तो गिरिराज जी धाम आस्था और भक्ति से सराबोर नजर आया। विदेशी महिला श्रद्धालु सिर पर दूध दही माखन, डलियों में पकवान के व्यंजन लेकर पर्वतराज गोवर्धन की पूजा करने तलहटी पहुंचीं। वहां दूध, दही, माखन, शहद, बूरा, गंगाजल, आदि जड़ी बूटियों से मिश्रण पंचामृत से अभिषेक किया। पूजा अर्चना के बाद गिरिराज महाराज को छप्पन भोग लगाए गए। अन्नकूट महोत्सव पर गिरिराज दानघाटी मंदिर, जतीपुरा के मुकुट मुखारविंद मंदिर, हरिगोकुल मंदिर, श्रीराधा दामोदर सेवाश्रम, कनक भवन आश्रम, राधा-कृष्ण संगम कुंड स्थित रघुनाथ दास गोस्वामी महाराज की गद्दी, वैष्णव सेवाश्रम आदि में कार्यक्रम आयोजित किए गए। गोवर्धन पूजा के मुख्य केंद्र गोवर्धन धाम में शुक्रवार एक बार फिर से द्वापर युग साक्षात देखने के मिला। भगवान कृष्ण के द्वारा एक रूप में पूजत और दूसरे रूप में पूजाय की अभिव्यक्ति के साथ देश-विदेश से आए भक्त गोवर्धन महाराज की तलहटी पहुंचे। द्वापर युग में जब ब्रज वासियों ने पूजा की तो अब देश के कोने कोने आये भक्तों के साथ विदेशियों ने भी दही माखन की मटकी लेकर बृज गोपी बनकर गिर्राज जी का अभिषेक किया। गोवर्धन जी को तरह तरह के पकवान बनाकर भोग लगाएं। गोवर्धन पूजा यात्रा भी द्वापर युग की तर्ज पर निकाली गई। जिसमें हरि बोल हरि बोल की गूंज रही। हर कोई अपने आराध्य देव गिरिराज प्रभु के चरणों मे अरदास लगा रहा था। गोवर्धन जी की सात कोस की परिकृमा में तो सैलाब इस कदर उमड़ा की शाम तक थमा नही। गिरिराज जी के प्रमुख मंदिर दानघाटी, गिरिराज जी मुखारविन्द, जतीपुरा मुखारविन्द भक्तों की भीड़ के सैलाब के बीच खचाखच भरे रहे। अन्नकूट, सिकड़ी प्रसादी वितरित की गई। मृदंग, ढोल, मंजीरा और थाप की धुन के बीच निकलते हरि हरि बोल के स्वर। कृष्ण के पूजन को राधा तो कोई विशाखा बनी विदेशी युवतियों और ग्वाला बने विदेशी युवकों की गिर्राज जी की भक्ति देखने लायक थी। अपना सब कुछ समर्पित गिरिराज जी के भाव में। अन्तराष्ट्रीय गौड़ीय वेदांत समिति गोवर्धन के गिरिधारी गौड़ीय मठ से गोवर्धन पूजा शोभायात्रा निकाली गई। सबसे पहले भक्तों ने गाय की पूजा की। इसके नारायण दास महाराज के चित्रपट पर पुष्प अर्पित किए। मिट्टी की मटकियों में दही माखन शहद व पन्चामृत भरकर गोवर्धन पूजा को सैलाब उमड़ता रहा। पग पग पर गोवर्धन पूजा भाव देखने लायक था। गोवर्धन जी में पूजा को लेकर 21 किमी परिक्रमा मार्ग में मानव श्रंखला बन गई। बृज रज के स्पर्श के बीच भक्तों ने लेटकर व नंगे पैर परिक्रमा दी।