योगीराज भगवान श्री कृष्ण की अमृतमयी वाणी गीता मानव मात्र के लिए कल्याणकारी दर्शन

गीता भगवान की साक्षात् वांग्मय मूर्ति है

 

गीता जयंती से मकर संक्रांति पर्व तक होंगें विभिन्न आयोजन

 

गीता जयंती पर हुआ गीता पाठ, सन्त समागम एवं विद्वद्त सम्मान।

-मथुरा। श्रीमद भगवद्गीता नारायण हरि् श्री भगवान की वांग्मय मूर्ति है गीता के अठारह अध्याय‌ भगवान के श्री अंग है यह तत्व आज गीता जयंती के अवसर पर ,योगिराज भगवान श्री कृष्ण की अमृतमयी वाणी श्रीमद् भगवत् गीता जयंती के पावन अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय श्री गीता जयंती महोत्सव समिति एवं दीर्ध‌विष्णु मंदिर सेवा संस्थान, द्वारा विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी मोक्षदा एकादशी को प्राचीन आदि श्री दीर्घ विष्णु मंदिर के प्रांगण में भगवान श्री दीर्घ विष्णु एवं पद्मालयी श्री लक्ष्मी जी के पावन सानिध्य में श्रीमद्भागवत गीता जी के वैदिक विधि विधान से पूजन व दीप प्रज्वलन कर मनाया गया , श्रीमद्भागवत गीता पाठ का प्रारम्भ स्वामीनारायण मंदिर के महंत स्वामी विश्व प्रसाद दास जी महाराज, दीर्घ विष्णु मंदिर के महंत कान्तानाथ चतुर्वेदी,उ.प्र. सरकार बाल कल्याण आयोग के अध्यक्ष डा.देवेंन्द्र शर्मा, संस्कृत भारती महानगर अध्यक्ष विभाग संयोजक आचार्य ब्रजेन्द्र नागर, कार्यक्रम संयोजक पं. रामदास चतुर्वेदी शास्त्री पार्षद ने संयुक्त रूप से भगवान श्री दीर्घ विष्णु एवं पद्मालयी महालक्ष्मी का पूजन अर्चन कर एवं गीता जी का इत्र पुष्प से अर्चन कर माल्यार्पण करके दीप प्रज्जवलित करके किया।

इस अवसर मोक्षदा एकादशी पर भगवान श्री दीर्घ विष्णु का प्रातःकाल वैदिक विधि विधान के साथ पुरुष सूक्त व श्री सूक्त के मंत्रों से विद्वानों द्वारा पूजन करवाया जायेगा उसके पश्चात प्रातः 9 बजे से श्रीमद् भगवत् गीता जी का पूजन कर वैदिक विद्वानों द्वारा गीता जी का सस्वर पाठ किया गया ।

महोत्सव में ब्रज के पूज्य सन्त धर्माचार्यों व विद्वानों का शाल, उपरना,स्मृति चिन्ह भेंट कर मंदिर सेवायत बालकृष्ण चतुर्वेदी, लालकृष्ण चतुर्वेदी ने सम्मान किया गया। श्रीमद् भगवत् गीता जयंती का आयोजन परमश्रद्धेय प्रातस्मरणीय श्री बिठ्ठलेश जी महाराज गोपाल मंदिर की प्रेरणा से मथुरा पुरी में प्रारंभ किया गया था उसी परम्परा का निर्वहन प्रति वर्ष किया जा रहा है, इस वर्ष इस महोत्सव को भव्यता प्रदान करते हुए,गीता जयंती मोक्षदा एकादशी से बैकुंठ एकादशी मकर संक्रांति पर्यंत विभिन्न आयोजनो द्वारा बृजमंडल सहित राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय पर मनाया जायेगा, जिसमें, गोष्ठी,पाठ पूजन,व्याख्यान,गीता विषयक प्रतियोगिताएं,श्लोक वाचन,यज्ञ,अभ्यास वर्ग आदि कार्यक्रमो का आयोजन विभिन्न स्थानों पर रहेगा ,जिसका मुख्य उद्देश्य योगीराज भगवान श्री कृष्ण की अमृतमयी वाणी को घर घर तक ले जाना है ।

महोत्सव में अनुष्ठान प्रमुख आचार्य देवदत्त चतुर्वेदी एवं आचार्य मुरलीधर चतुर्वेदी,माधव शास्त्री, आचार्य पुरूषोत्तम चतुर्वेदी,मोहिताचार्य,मोहित चतुर्वेदी,के नेतृत्व में विद्वानों द्वारा गीता जी का पाठ किया गया।

उपस्थित विद्वानों द्वारा गीता जी को साक्षात् भगवान का स्वरुप बताया गया, गीता के अठारह अध्याय‌ ही भगवान के श्री अंग है, योगीराज भगवान की अमृतमयी वाणी श्रीमद्भागवत गीता मानव मात्र के लिए कल्याणकारी दर्शन है ।

इस अवसर पर संस्कृत भारती के योगेश उपाध्याय आवा, गंगाधर अरोड़ा,सरदार राजेंद्र सिंह होरा,हरस्वरूप यादव, हरिश्चंद्र,अजय गोयल, डा. रमन बिहारी टंडन,नगर निगम पूर्व उपाध्यक्ष मूलचंद, भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के बृजप्रांत अध्यक्ष हेमंत खंदौली, विकास दत्त‌ चतुर्वेदी,अजय अग्रवाल सरार्फ,बाबू जगमोहन जी,अशोक गुप्ता जी, कौशलेंद्र चतुर्वेदी,अंकित मौहल्ले दार,सहायक पुजारी कदंम चतुर्वेदी, श्रीमती सुनिति जी, श्रीमती अनिता चतुर्वेदी,अनूप चतुर्वेदी , रामदास चतुर्वेदी  आदि ने सभी श्रद्धालु भक्तों ने गीता महोत्सव में शामिल रहे।

 

 

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