
अध्यात्मिक गुरुओं का अस्तित्व व महत्ता वेद व्यास से
मथुरा। आदिगुरु महर्षि वेद व्यास प्रादुर्भाव समारोह में धर्म गुरुओं को किया अध्यात्म भूषण उपाधि से अलंकृत, सनातन संस्कृति के पुरोधा कृष्ण द्वैपायन वेद व्यास’ श्रीमद भागवत कथा आयोजन समिति के तत्वावधान में आदिगुरु महर्षि वेद व्यास प्रादुर्भाव समारोह मथुरापुरी में कृष्णगंगा घाट स्थित व्यासजी की पौराणिक तपस्थली पर परंपरागत रूप से मनाया गया.।
सर्वप्रथम वेदज्ञ विद्वान हर्षवर्धन शास्त्री व आचार्य आलोक बेंकर के आचार्यत्व में वैदिक व शास्त्रोक्त विधि से आदिगुरु का चरणाभिषेक, पूजन अर्चन के उपरांत उनके जीवन दर्शन पर आयोजित विद्वत संगोष्ठी का शुभारम्भ मुख्य अतिथि वृंदावन स्थित सुदामा कुटी के महंत अमरदास महाराज , समारोह के अध्यक्ष संत राजा बाबा महाराज,समिति संस्थापक पंडित अमित भारद्वाज एवं स्मारक समिति के मंत्री योगेश आवा ने मंगल दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर सात धर्मगुरुओं वृंदावन से यदुनंदनाचार्य महाराज, आचार्य सतीश चंद्र पाराशर , शिक्षाविद् पं. चंद्र लाल शर्मा, मथुरा से पं. मुरारी लाल उपाध्याय, द्वारिकाधीश मंदिर के अंग सेवक पं. सुधीर मुखिया, गोवर्धन से पूर्ण प्रकाश कौशिक महाराज व हाथरस से पं. राम वल्लभाचार्य को अध्यात्म भूषण उपाधि से अलंकृत किया गया एवं सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 21 ब्राह्मणों का अभिनंदन किया गया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए विद्वानों ने कहा कि धर्म गुरुओं की महत्ता व अस्तित्व वेद व्यास से है, कृष्ण द्वैपायन व्यास जी सनातन संस्कृति के पुरोधा हैं।
गोष्ठी को आचार्य विष्णु शरण भारद्वाज, महंत दीपक शास्त्री, घनश्याम हरियाणा, राजेश अग्निहोत्री, शिवोम् गौर शास्त्री, विष्णु शास्त्री, बब्बू पंडित, विजय शास्त्री सहित उपस्थित विद्वानों ने संबोधित किया. समापन 108 दीप ज्योतियों की आरती के साथ हुआ. विप्र विद्वत सेवा गोवर्धन नाथ बिजली वालों ने की. संचालन समिति संस्थापक पं अमित भारद्वाज ने व आभार व्यक्त दीपक शास्त्री व हर्ष वर्धन शास्त्री ने संयुक्त रूप से किया।