राज्य स्तरीय निगरानी समिति की सदस्या ने किया नगर पंचायत का निरीक्षण

 

मथुरा। राज्य स्तरीय निगरानी समिति की सदस्य पूजा वाल्मीकि द्वारा महावन गोकुल नगर पंचायत का निरीक्षण किया गया। शासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार टीम गोकुल नगर पंचायत पहुंची टीम करीब एक घंटे इंतजार करती रही लेकिन अधिशासी अधिकारी कार्यालय पर नहीं पहुंचे। कार्यालय में कर्मचारियों से पूछताछ करने पर कोई सही जानकारी नहीं मिली। पूजा वाल्मीकि नगर पंचायत के टेम्पो चालक रमेश कुमार से बातचीत की तो उसने बताया कि मुझे नौ हजार वेतन दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वेतन तो करीब बारह हजार है नौ हजार क्यों? तो कोई जवाब नहीं दे सका। महावन की नगर पंचायत सदस्य पूजा वाल्मीकि पहुंची तो पूरा कार्यालय खाली था अधिशासी अधिकारी एवं बाबू भी गायब थे। वहां जानकारी करने की कोशिश की तो कोई जवाब देने को तैयार नहीं था। लखनऊ से आई टीम ने अपना रुख मलिन बस्ती में जाने का किया। महावन के वार्ड नं दो में मलिन बस्ती रहती है। वहां पहुंचते ही सफाई कर्मी एवं वृद्ध महिलाएं एकत्रित हो गई। टीम द्वारा समस्या पूछने पर सफाई कर्मियों एवं महिलाओं ने अपना दुखड़ा सुनाया। महिलाओं का कहना था कि पेंशन के लिए नगर पंचायत कार्यालय जाते हैं तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता। सफाई कर्मी छोटू ने बताया कि पांच महीने से वेतन नहीं मिल रहा। सफाई कर्मियों ने आरोप लगाया कि चौकीदार बनवारी काम करने के बावजूद अनुपस्थिति लगा देता है। ड्यूटी लगाने पर पैसा मांगता है। धमकी भी देता है अगर शिकायत की तो हटा दिए जाओगे। उन्होंने बताया कि बनवारी कभी काम करने नहीं आता बिना काम के वेतन ले रहा है। नगर पंचायत के इलेक्ट्रीशियन लीलाधर ने बताया कि मुझे 8750 रुपये वेतन दिया जाता है जबकि मेरा वेतन 14 हजार रुपये के करीब है। किसी भी कर्मचारी का ईएसआई कार्ड नहीं बनाया गया है। न ही कभी वर्दी दी जाती है। यहां बिना वर्दी के काम कराया जाता है।

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