विश्व रेबीज़ दिवस पर गोष्ठी का आयोजन

 

मथुरा। विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार तथा ए एन एम टी सी में एक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय कुमार वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। लोगो में रेबीज को लेकर भ्रांति को दूर करना और उससे बचाव की जानकारी देने के उद्वेश्य से विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है। जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डा हिमांशु मिश्रा ने रेबीज से संबंधित विषय पर महत्त्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि रेबीज का वायरस संक्रमित जानवरों की लार ग्रंथियों में मौजूद होता है। जब ये संक्रमित जानवर किसी को भी काटता है ये वायरस घाव के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाता है इसके बाद मस्तिष्क तक पहुंचता है और सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर देता है। रेबीज के लक्षण ज्यादातर मामलों में तीन महीने के भीतर आने लगते है, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में कई वर्षों बाद भी ये बीमारी हो सकती है। इससे बचाव के लिए टीकाकरण महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम का संचालन कर रहे जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवम सूचना अधिकारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि विश्व रेबीज दिवस का आयोजन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी गोष्ठी एवम जागरूकता रैली के माध्यम से किया गया। इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा एस पी राठौर, डा भूदेव सिंह, डा रोहतास, जिला मलेरिया अधिकारी आर के सिंह, रविन्द्र सिसोदिया, मनोहर लाल, सविता पांडे, जीत खड़ग सिंह विश्व दीप अमित, प्रखर आदि मौजूद रहे।

 

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