बागेश्वर महाराज को आगरा जामा मस्जिद में न जाने की की अपील

 

मथुरा।श्री कृष्ण जन्म भूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि बागेश्वर महाराज और देवकीनंदन ठाकुर जी को जनता सहित जामा मस्जिद आगरा नहीं जाना चाहिए क्योंकि जो भी भगवान श्री कृष्ण मन्दिर के साक्ष्य, मूर्तियों के अवशेष विग्रह, स्वास्तिक का निशान , शंख, पुष्प का निशान, प्राचीन शिलालेख, शेषनाग का निशान आदि साक्ष्य मथुरा वाली ईदगाह मस्जिद के नीचे दबे हुए हैं, इसके प्रमाण भी हैं। भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति बहुत विशाल थी और अष्टधातु की थी और उसमें सोना चांदी हीरे जवाहरात जड़े हुए थे, मुगल शासक औरंगजेब ने भगवान की बेशकीमती मूर्ति और विग्रहों को अपने खजाने में शामिल कर लिया। भगवान श्री कृष्ण जन्म भूमि मंदिर के कोई भी विग्रह या मूर्ती जामा मस्जिद की सीढ़ी में नहीं है। यदि आप वहां पर सनातनी हिंदुओं को इकट्ठा करके ले जाएंगे तो जामा मस्जिद की सीढ़िया में कुछ नहीं मिलेगा जिससे जनता में और न्यायालय में हिंदुओं की छवि खराब होगी। जो कुछ भी है वह सभी मथुरा की ईदगाह मस्जिद में दबा हुआ है। हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा ने देवकीनंदन महाराज और बागेश्वर महाराज से प्रार्थना की है कि ऐसी गलती ना करें जिससे सनातनी हिंदू आगरा से मायूस होकर लौटे। देवकीनंदन जी महाराज आपको लोकसभा की टिकट लेनी है वह तो आपको वैसे ही मिल जाएगी, इसके लिए आप हिंदुओं को गुमराह नहीं करें। आप दोनों महान हस्तियों को मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मुक्ति के लिए कुछ करना चाहिए। आपको जो भी शक्ति प्रदर्शन करना है वह मथुरा में कीजिए जिससे हमारे कान्हा का जन्म स्थान मुक्त हो सके। दिनेश शर्मा ने बागेश्वर महाराज से मीडिया के माध्यम से अनुरोध किया है कि उद्योगपति देवकीनंदन महाराज जी की बातों में नहीं आए और कृष्ण जन्मभूमि मथुरा के लिए कार्य करें। आगरा की जामा मस्जिद की सीढियों को खोदने में कोई फायदा नहीं होगा।

 

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