मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने यमुना में लगाई डुबकी, बिहारी जी के किए दर्शन

 

 

 

मथुरा । माघ माह की मौनी अमावस्या आज सुबह यमुना के घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने सर्द मौसम में यमुना में स्नान कर आस्था की डुबकी लगाई। सुबह तड़के से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मथुरा और वृन्दावन के यमुना घाटों पर आस्था की मौनी अमावस्या पर यमुना में डुबकी लगा कर पुण्य कमाया।मौनी अमावस्या पर आने वाले ब्रद्धालुओं को देखते हुए प्रशासन की ओर से भी इंतजाम किए गए थे। घाटों पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की गयी थी। भगवान

ओकृष्ण की नगरी में मौनी अमावस्या पर अद्धालुओं ने यमुना में आस्था की डुबकी लगाई। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भी आराध्य के दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह सात बजे से लेकर पूर्वाह्न 11 बजे तक मंदिर परिसर में अच्च्छी भीड़ रही। धार्मिक महत्व है कि मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान , दान, पुण्य करने से कष्ट दूर होते हैं। भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा भी की जाती है। पितरों को तर्पण, पिंडदान किया जाता है। लोग मौन व्रत भी रखते हैं। माघ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को ही माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर त्रिवेणी में स्नान और दान किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से कई गुना पान मिलता

है। त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने से श्रद्धालुओं के शरीर के साथ ही आंतरिक काया का भी शुद्धिकरण होता है। मौनी अमावस्या का पर्व तप योग का पर्व है। इस दिन परिक्रमा, पूजन, स्नान , दान, तप और योग का विधान है। ऐसे में श्रद्धालु आज महोदय और सर्वार्थ सिद्धि योग में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। ग्रहों और नक्षत्रों के अद्भुत संयोग से त्रिवेणी स्नान का महत्व कई गुना बढ़ गया है। मौनी अमावस्या पर तिल के साथ ही अपनी सामध्यं के मुताबिक दान करना विशेष लाभकारी होता है। इस दिन कल्पवासियों द्वारा चौरासी प्रकार के दान किये जाने की भी परंपरा है। मान्यता के अनुसार आज के दिन मौन रहकर गंगा में कम से कम तीन डुबकी अवश्य लगानी चाहिए। आज ब्रह्म मुहूर्त से पूरे दिन मौनी अमावस्या के स्नान का पुण्य लाभ श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को मिलेगा। अभिजित मुहूर्त में मध्यकाल में पूजन का विशेष महत्व है। शुक्रवार सुबह से ही लोग यमुना खान करने पहुंचने लगे। खुशहाली के लिए दान-पुण्य किया। उधर, ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही। बांकेबिहारी के दर्शन और पंचकोसीय परिक्रमा के बाद अद्धालुओं ने व्रत खोला। मौनी

अमावस्या पर सबसे अधिक भक्तों की भीड़ ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन को उमड़ी। मंदिर में एंट्री के लिए प्रबंधन ने गाइडलाइन जारी कर रखी हैं। बावजूद ग्रामीण इलाकों से आये श्रद्धालुओं ने गाइडलाइन को धता बताते हुए मंदिर में एंट्री पाने में सफलता हासिल कर ली। मंदिर में गाड़ों को व्यवस्था संभालने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। श्रद्धालुओं ने राधावाइभ, राधादामोदर, राधारमण मंदिर के दर्शन किए और पंचकोसीय परिक्रमा कर दानपुण्य किया।

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