विज्ञान का सही उपयोग समाज हित एवं उत्थान में होः अनिल
मथुरा।उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान, मथुरा में 5 फरवरी से 4 मार्च तक चलने वाले दीक्षोत्सव माह के अंतर्गत प्रख्यात पशु परजीवी विज्ञानी डा. बी. पी. पांडे स्मारक भाषण का आयोजन किया गया। स्मारक भाषण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में प्रख्यात पशु परजीवी वैज्ञानिक डा. बी. पी. पांडे के योगदान को याद करते हुए उनकी उपलब्धियां के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि संस्थाओं तथा विश्वविद्यालयों के प्रयोगशालाओं में होने वाले शोध कार्यों तथा समाज एवं किसान हित को ध्यान में रखते हुए, नीतियों का निर्धारण किया जाना चाहिए? जिससे विज्ञान का सही उपयोग समाज हित एवं उत्थान में हो सके। स्मारक भाषण की मुख्य वक्ता, भारतीय दूतावास में बेल्जियम, लैक्जम्बर्ग तथा यूरोपीय देशों के लिए कृषि एवं समुद्री उत्पादों के लिए सलाहकार रही, डॉ. स्मिता सिरोही, प्रधान वैज्ञानिक, राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल हरियाणा ने डा. बी.पी. पांडे द्वारा किए गए उत्कृष्ट शोध की चर्चा करते हुए, उसकी पशु स्वास्थ्य तथा परजीवी नियंत्रण के उपयोग के बारे में बताया। उन्होंने अपने उद्बोधन में पशु परजीवी की पशु उत्पादकता पर पड़ने वाले विषम कुप्रभावों तथा उसको नियंत्रित कर, पशुधन से अधिक से अधिक से लाभ प्राप्त करने के लिए चर्चा की। स्मारक भाषण कार्यक्रम की अध्यक्षता,केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, इज्जत नगर, बरेली के निदेशक डा. अशोक कुमार तिवारी द्वारा की गई। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. तिवारी ने डॉ. बी.पी. पांडे के योगदान को याद करते हुए, पशु परजीवी से होने वाली विभिन्न बीमारियों के बारे में चर्चा करते हुए, उनके नियंत्रण तथा रोकथाम के बारे में जानकारी दी। अधिष्ठाता, पशु चिकित्सा संकाय, प्रोफेसर विकास पाठक ने आगंतुकों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए डा. बी.पी. पांडे को याद किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक, शोध, प्रोफेसर विनोद कुमार ने डा. बी. पी. पांडे के जीवन सारांश के बारे में जानकारी दो। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुल सचिव, प्रोफेसर अरुण कुमार मदान, अधिष्ठाता, परास्नातक, प्रोफेसर अर्चना पाठक, निदेशक प्रसार, प्रोफेसर अतुल सक्सेना, निर्देशक, डिप्लोमा, प्रोफेसर सरजीत यादव, प्रोफेसर अजय प्रकाश, प्रोफेसर विजय पांडेय, प्रोफेसर संजय पुरोहित, प्रोफेसर देश दीपक सिंह, प्रोफेसर बृजेश यादव, डा. बरखा शर्मा, डा. पवनजीत सहित विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।