मथुरा के पवित्र तीर्थस्थल बनने से सुनिश्चित हुआ चहुंमुखी विकास : पं. श्रीकान्त शर्मा

 

दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन केंद्र बनेगा ब्रज 

 

– विकास कार्यों में आएगी तेजी

 

– सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों को तीर्थस्थल घोषित करने का संकल्प हुआ पूरा

– ब्रज 84 कोस के आधुनिक विकास के साथ उसके पुरातन स्वरूप को लौटाने का संकल्प भी हो रहा पूरा

 

 

मथुराऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पंडित श्रीकान्त शर्मा ने शुक्रवार को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान से 10 वर्ग किमी दायरे को पवित्र तीर्थस्थल घोषित करने पर मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का आभार व्यक्त किया और अभिनंदन किया। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ब्रज 84 कोस के आधुनिक विकास के साथ उसके पुरातन स्वरूप को लौटाने का संकल्प पूरा हो रहा है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पूरे ब्रज चौरासी कोस के संपूर्ण विकास को भाजपा सरकार संकल्पित है। आने वाले समय में ब्रज क्षेत्र दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन केंद्र बनेगा। इससे बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

 

बरसाना, नंदगांव, गोकुल, वृन्दावन, गोवर्धन, राधाकुंड, बलदेव के बाद अब मथुरा भी पवित्र तीर्थस्थल घोषित हो गया है। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली व लीलास्थली के संपूर्ण विकास के लिए तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। भाजपा सरकार के बनते ही ब्रज तीर्थ विकास परिषद के गठन के साथ ही ब्रज क्षेत्र के पुरातन स्वरूप को लौटाने की योजनाओं पर काम शुरू हो गया था। प्रदेश सरकार ने भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली व लीलास्थली के विकास व श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए 4600 करोड़ रुपये दिए हैं। नगर निगम के गठन से शहर में स्थानीय लोगों व श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाएं भी विकसित की गई हैं।

 

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अब तक का भव्यतम कुम्भ आयोजन भी इस वर्ष 38 करोड़ रुपये की लागत से किया गया। अब 190 एकड़ कुम्भ क्षेत्र को संरक्षित किया जा रहा है। श्री ठाकुर बांके बिहारी जी मंदिर के नजदीक 38 करोड़ की लागत से कुंज गलियों का विकास व सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के नजदीक 23.5 करोड़ रुपये से मार्गों के विकास, भव्य द्वार निर्माण व सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। 

 

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ब्रज 84 कोस की कृष्णयुगीन हरीतिमा लौटाने के लिए यमुना के किनारे, प्रमुख मंदिरों को जोड़ने वाले मार्गों, गिरिराज जी की तलहटी व जनपद को आने वाले प्रमुख मार्गों के किनारे 31 लाख फलदार व छायादार पौधे लगाए जा रहे हैं। इनमें कदम्ब, मोरछली, पीपल, बरगद, आम, नीम व अन्य पेड़ शामिल हैं।

 

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यमुना शुद्धिकरण के लिए भी भाजपा सरकार संकल्पबद्ध है। 460 करोड़ रुपये की परियोजनाओं से यमुना में गिरने वाले मथुरा-वृन्दावन के 35 नालों की टैपिंग पर तेजी से काम चल रहा है।

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