प्रदीप मिश्रा के खिलाफ बरसाना में कल होगी महापंचायत  जुटेंगे साधु-संत

 

 

मथुरा ।प्रदीप मिश्रा को ब्रजवासियों ने पश्चाताप करने के लिए बहुत समय दे दिया है। वह अपने अहंकार में चूर होकर राधा रानी के साथ ब्रज के लोगों का अपमान करते हैं। अब उन्हें इसका दंड भुगतना ही पड़ेगा। यह कहना है सेवायत मथुराधीष मंदिर के आचार्य रमाकांत गोस्वामी का। उन्होंने कहा- सोमवार यानी 24 जून को बरसाना में ब्रजवासी महापंचायत करने जा रहे हैं। इसी में तय होगा कि उन्हें क्या दंड देना है। 1

 

धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने बताया- 24 जून यानी सोमवार को रास मंडप, गहवर वन, बरसाना में शाम को 3 से 6 बजे तक महापंचायत होगी इसमें सम्पूर्ण ब्रज मंडल के साधु-संत, धमार्चार्य, भागवताचार्य, तीर्थ स्थलों के तीर्थ पुरोहित, प्रमुख आचार्य एवं ब्रजवासी समाज उपस्थित होंगे।

 

आचार्य रमाकांत गोस्वामी ने कहा-प्रदीप मिश्रा को ब्रजवासियों ने पश्चाताप करने के लिए बहुत समय दिया। वह अपने अहंकार में चूर होकर राधा रानी के साथ ब्रजवासियों का अपमान करते रहे। अब उन्हें इसका दंड भुगतना ही पड़ेगा। धर्म सभा में शामिल हुए महंत फूलडोल बिहारी

 

दास महाराज ने कहा जिस प्रकार प्रदीप मिश्रा द्वारा हमारी आराध्या राधा रानी जी पर अमर्यादित टिप्पणी की गई और उसके बाद भी अपनी भूल को ना मानते हुए लगातार सनातन धर्म का अपमान किया गया। इसी को लेकर संत समाज ने उन्हें सबक सिखाने की ठान ली है। वृंदावन के परिक्रमा मार्ग स्थित गोपाल खार के श्रीमद् भागवत मंदिर में शनिवार को एक धर्म सभा हुई। इसमें महापंचायत को लेकर चर्चा की। इसकी अध्यक्षता धर्म रक्षा संघ के डॉक्टर स्वामी आदित्यानन्द महाराज ने की। इसमें वृंदावन के संत, धमार्चार्य, भागवत प्रवक्ता और ब्रजवासी शामिल हुए।

 

धर्म सभा में हनुमान टेकरी के महंत दशरथ दास महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी डा. आदित्यानंद महाराज, महंत रघुनाथ दास त्यागी, महंत देवानंद परम हंस, अमित भारद्वाज, आनंद बल्लभ गोस्वामी राष्ट्रीय महामंत्री श्रीदास प्रजापति, ब्रज किशोर पचौरी, अमरीश पुंडीर, नीरज गौड़, रविकांत गौतम, डा. हरिप्रसाद, घनश्याम सिंह, निरंजन सिंह, प्रताप उपाध्याय ने भी अपनी राय रखी।

पं. प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा था- राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह सालभर में एक बार आती थीं।

पं. मिश्रा ने कहा- कुछ लोग शिव पुराण का विरोध करना चाहते हैं। इस व्यास पीठ का विरोध करना चाहते हैं। प्रदीप मिश्रा का विरोध करना चाहते हैं। वो लोग राधा रानी की आड़ में बदनाम करना चाहते हैं। ब्रजवासी इतना भोला है कि वो समझ नहीं पा रहा। जिस दिन आप कहो, राधा रानी के चरणों में आकर दंडवत कर लूं।

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