बंदियों का हो चहुंमुखी विकासः देवेंद्र शर्मा

 

 

 

मथुरा। उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष (राज्यमंत्री स्तर) डा. देवेन्द्र शर्मा ने जिला चिकित्सालय एवं जिला कारागार का निरीक्षण किया गया। जिला अस्पताल के निरीक्षण दौरान श्री शर्मा द्वारा पीकूवार्ड को बेहतर एवं बाल मित्र बनाने के निर्देश दिये गये। साथ ही वन स्टाप सेन्टर यूनिट द्वितीय के लिये चिन्हित भूमि का निरीक्षण भी किया गया। जिला कारागार मथुरा का निरीक्षण किया गया तथा महिला बंदियों के साथ निवासरत उनके बच्चों के विषय में जानकारी ली। उनके चहुमुखी विकास के लिए जेल अधीक्षक जिला कारागार को आवश्यक दिशा निर्देश दिये

 

गये। इसके पश्चात माननीय अध्यक्ष जी द्वारा नवादा स्थिति आंगनबाड़ी केन्द्र पर गोदभराई कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। कलेक्ट्रेट सभागार मथुरा में बाल संरक्षण से सम्बन्धित योजनाओं की समीक्षा बैठक की गयी। इस दौरान सभी विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे। अध्यक्ष (राज्यमंत्री स्तर) डा. देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि राज्य बाल आयोग द्वारा पूरे प्रदेश में नशे के समूलनाश के लिए एक युद्ध नशे के विरूद्ध जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है एवं दण्डात्मक कार्यवाही की करायी जा रही है। पूरे प्रदेश में अब तक अरबो रूपयों की मादक पदार्थों को नष्ट किया जा चुका है। प्रदेश के विद्यालयों के

 

100 मीटर की परिधि में स्थिति नशीले पदाथों की दुकानों को प्रतिबंधित किया गया है। आयोग द्वारा पूरे प्रदेश को वर्ष 2025 तक बाल विवाह मुक्त कराये जाने का संकल्प लिया गया है। बाल श्रम एवं भिक्षावृत्ति में संप्लित बच्चों को मुक्त कराकर शिक्षा एवं बाल कल्याण कारी योजनाओं से जोडने का कार्य किया जा रहा है। जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सभी विद्यालयों में प्रहरी क्लब बनाये जाने को निर्देशित किया गया। प्रभात कुमार चन्द्र जिला आबकारी द्वारा बताया गया कि राज्य बाल आयोग के निर्देशन में जनपद के सभी शत-प्रतिशत शराबों की

 

दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवा दिये गये। साथ 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को शराब की बिक्री करने पर प्रतिबंद लगाया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा ने मुख्य अतिथि, अधिकारीगण, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं अन्य विभागों से आये कर्मचारीगणों का स्वागत किया गया तथा अपने विभाग की जन कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गयी, जिसमें बच्चों कुपोषण से मुक्त करना, गर्भवति महिलाओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराना आदि प्रमुख योजनाऐं सम्मिलित हैं। श्री अजय कुमार वर्मा मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा कहा गया कि वह एक युद्ध नशे विरूद्ध 1000 स्टीकर छपवायेंगे तथा एएचटीयू, मथुरा के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा करायेंगे। किरन चौधरी जिला पंचायतराज अधिकारी द्वारा कहा गया कि वह नशा मुक्ति के निरूद्ध जागरूकता हे शीघ्र ही एक कार्यक्रम आयोजन करेंगी। विकास चन्द्र जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा बताया गया कि अब बाल विवाहों की सूचना पर शतप्रतिशत नियमानुसार कार्यवाही की गयी है। उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड के 160/सामान्य के 503) एवं स्पॉन्सरशिप योजनाओं से निराश्रित बच्चों को लाभान्वित किया गया है।

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