
अक्षय तृतीया: आम भक्तों के लिए बंद रहा श्रीबांकेबिहारी मंदिर,
श्री धाम वृंदावन(प्रवीण मिश्रा)
अक्षय तृतीया पर शुक्रवार को परंपरागत रूप में ठाकुर श्रीबांकेबिहारी की चरण दर्शन सेवा की गई। ठाकुर जी के श्री चरणों में केसर युक्त चंदन का गोला अर्पित कर पायल पहनाई गई। इस विशेष दर्शन के लिए ठाकुर जी के द्वार पर आम भक्त खड़े रहे। देहरी पर माथा टेक कर वापस हो गए। हालांकि इस दौरान सेवायत परिवार और पुलिसकर्मियों ने दर्शन का लाभ उठाया। ठाकुर श्रीबांकेबिहारी लाल जू के चरण दर्शन भक्तों को वर्ष में केवल एक बार अक्षय तृतीया पर ही सुलभ होते हैं। इस दिन ठाकुर जी को विशेष रेशमी जरी से कढ़े पीत वस्त्र धारण कराकर पैरों में स्वर्णरजत निर्मित पायल पहनायी गयी। ठाकुर जी के चरणों में केसर, कपूर, गुलाबजल, मिश्रित चन्दन का गोला अर्पित किया गया। सत्तू, बेसन के लड्डू के साथ विविध प्रकार के शीतल पेय निवेदित किए गए। परंपरागत रूप से मनाये गये उत्सव में आम श्रद्धालुओं को दर्शन लाभ नहीं मिल सका।
हालांकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु दूरदराज से आकर मंदिर के बाहर सुबह से ही जुटने शुरू हो गये थे, लेकिन वह मंदिर में प्रवेश नहीं कर सके। ठाकुर जी की देहरी पर माथा टेकने के बाद घर वापस चले गए। मंदिर में केवल सेवायत गोस्वामी परिवारों को ही प्रवेश की अनुमति दी गयी थी। पुलिसकर्मियों ने भी इस अवसर का लाभ उठाया। इधर, श्रीराधादामोदर लाल मंदिर में भी ठाकुर जी की चरण सेवा की गई। भव्यता से ठाकुर जी का शृंगार किया गया। भक्तों ने भाव के साथ श्रीराधा दामोदर लाल के दर्शन किए।
श्रीबांके बिहारी मंदिर में ठाकुरजी को चंदन लगाया गया, गर्मी से बचने के लिए सत्तू का प्रसाद चढ़ाया गया। मथुरा व वृंदावन समेत मंदिरों में सेवायत द्वारा पूजा की गई और प्रसाद का वितरण भी किया गया।
वृंदावन का सबसे बड़ा पर्व है अक्षय तृतीया
वृंदावन का सबसे बड़ा पर्व अक्षय तृतीया है। इस दिन स्नान और पुण्य का महत्व हैं। ठाकुरजी को शीतलता प्रदान करने के लिए भक्त शीतल पदार्थ प्रदान करता है। साल में एक बार चरणों के दर्शन के लिए वृंदावन में ऐसी भीड़ उमड़ती है कि व्यवस्थाएं संभाले नहीं संभलती। अबकी बार लॉकडाउन के कारण भक्त अपने आराध्य के चरण दर्शन नहीं कर सके।