ऊर्जा क्षेत्र में आजादी के बाद के 70 सालों से अधिक पिछले 5 साल में हुए काम: पं. श्रीकान्त शर्मा

 

 

निजी ट्यूबवेल के नये बिजली बिलों में 50% की कमी

 

– निर्बाध आपूर्ति हेतु मथुरा जनपद में 1600 करोड़ रुपये के काम हुए 

 

-मथुरा में 473.59 करोड़ रुपये के ट्रांसमिशन के और 1165 करोड़ रुपये के विद्युत वितरण के हुए कार्य

 

-किसान को ठंड में खेत पर बिजली का इंतज़ार नहीं करना पड़ रहा, दिन में 10 घंटे मिल रही पर्याप्त बिजली

 

मथुरा।ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पं. श्रीकान्त शर्मा में शुक्रवार को मथुरा जनपद के 13 वें पारेषण उपकेंद्र का फरह में भूमि पूजन किया। लगभग 23.27 करोड़ रुपये की लागत के इस 132 kv उपकेंद्र जीआईएस फरह से ब्रज में निर्बाध आपूर्ति व्यवस्था और सुदृढ़ होगी।

 

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद 70 सालों में उत्तर प्रदेश और ब्रज क्षेत्र में ऊर्जा क्षेत्र में जो कार्य हुए उनसे ज्यादा कार्य पिछले 5 सालों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में योगी सरकार में हुए हैं।

 

मथुरा जनपद में अब तक करीब 1600 करोड़ रुपये के विद्युत क्षेत्र के कार्य हुए हैं। इसमें 473.59 करोड़ रुपये के ट्रांसमिशन के और 1165 करोड़ रुपये के विद्युत वितरण के कार्य शामिल हैं।

 

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जनपद में 12 ट्रांसमिशन उपकेंद्र हैं इनमें 6 उपकेंद्र पिछले 5 सालों में बने हैं। 13 वें उपकेंद्र फरह का कार्य भी इस वर्ष दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।

 

उन्होंने बताया कि निर्बाध आपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में योगी सरकार में 13111.76 करोड़ की लागत से प्रदेश में 126 ट्रांसमिशन उपकेंद्र बनने से उत्तर प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना है।

 

प्रदेश में 2016-17 की 16348 मेगावट ट्रांसमिशन क्षमता से रिकॉर्ड 9000 मेगावाट बढ़कर अब प्रदेश की ट्रांसमिशन क्षमता 28,000 मेगावाट हो गई है।

 

ऊर्जा मंत्री ने बताया की बेहतर वितरण व्यवस्था के लिए मथुरा जिले में 13 नये वितरण उपकेंद्र बने और 32 की क्षमता वृद्धि हुई है।

 

प्रदेश में निर्बाध आपूर्ति के लिए अब तक 33/11kv के रिकॉर्ड 673 नये वितरण उपकेंद्र बने और 1351 वितरण उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि हुई है।

 

पिछली सरकार की तुलना में रिकॉर्ड 9000 MW अधिक अधिकतम मांग करीब 25000 MW की लगातार सफल आपूर्ति हो रही है। पिछले 5 सालों में बिजली की कमी से उबरकर उत्तर प्रदेश सरप्लस पावर स्टेट बना है।

 

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पांच साल में प्रदेश में 1.41 करोड़ नये कनेक्शन दिये गए, जिससे प्रदेश में कनेक्शनों की संख्या दोगुनी होकर 3 करोड़ से अधिक हो चुकी है।

 

ऊर्जा मंत्री ने पूर्व सरकारों की तरह अब किसान को ठंड में खेत पर बिजली का इंतज़ार नहीं करना पड़ता। पृथक कृषि फ़ीडर पर सुबह 7 से शाम 5 बजे तक बिजली रहती है।

 

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने 5 साल में 5 बार बिजली के दाम बढ़ाये और 60.71% का इजाफा किया। भाजपा सरकार 5 साल में 6 बार ब्याज में छूट की योजना लाई है।सरकार ने पिछले 3 साल से दाम नहीं बढ़ाये बल्कि अब निजी ट्यूबवेलों के बिजली बिलों में 50% की कटौती भी कर दी है। उन्होंने बताया कि निजी नलकूप के नये बिलों में मीटर्ड कनेक्शन में बिजली दर 2 रुपये प्रति यूनिट से घटकर 1 रुपये प्रति यूनिट व फिक्स चार्ज 70 रुपये प्रति हॉर्स पावर से घटकर 35 रुपये प्रति हॉर्स पावर होगा। अनमीटर्ड कनेक्शन में फिक्स चार्ज 170 रुपये/ हॉर्स पावर की जगह 85 रुपये/हॉर्स पावर होगा।

 

पीटीडब्लू के शहरी मीटर्ड कनेक्शन में बिजली दर 6 रुपये/ यूनिट से घटकर 3 रुपये/यूनिट व फिक्स चार्ज 130 रुपये/ हॉर्स पावर से घटकर 65 रुपये/हॉर्स पावर होगा। एनर्जी एफिशिएंट पंप में बिजली दर 1.65 रुपये/ यूनिट से घटकर 83 पैसे/यूनिट व फिक्स चार्ज 70 रुपये/हॉर्स पावर की जगह 35 रुपये/हॉर्स पावर लिया जाएगा।

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