
केएमयू में हुई विकसित भारत-2047 के लक्ष्यों पर संगोष्ठी
विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रति दिखाई रुचि
मथुरा। केएम विश्वविद्यालय के लेक्चर थियरेटर में सतत विकास लक्ष्यों की पहल के विशेष संदर्भ में “विकसित भारत-2047“ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें विश्वविद्यालय के कुलाधिपति किशन चौधरी ने बोलते हुए कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य सन 2047 तक विकसित भारत की नई तस्वीर विश्व के सामने रखना है क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नए सिरे से वैश्विक स्तर पर नई दृष्टि को विकसित कर रही है। अतः विश्व के समक्ष भारत की चुनौती तभी मूर्त रूप लेगी, जब हम 2047 को अपना लक्ष्य मानेंगे तथा मछली की आँख की तरह सन्धान करेंगे।
कार्यशाला का शुभारंभ कुलाधिपति किशन चौधरी, कुलपति डॉ डी डी गुप्ता, कुलसचिव डा. पूरन सिंह ने किया। कुलपति डॉ डी डी गुप्ता ने कहा कि अभी भी हमारे सामने 25 वर्ष का अमृतकाल है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि 2047 में विकसित भारत का लक्ष्य वास्तविकता में बदल जाए, हमें इस अमृतकाल के लिए अथक प्रयास करना चाहिए। कुलपति डॉ पूरन सिंह ने कहा कि भविष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है, इसके लाभ-हानि पर हमें आज सोचना होगा तथा तकनीक का सकारात्मक उपयोग हम अपने जीवन में कर सकते हैं तथा छात्र-जीवन इसके सर्वाधिक महत्वपूर्ण समय है।विश्वविद्यालय के यूजी कोर्सेस-बीए बीएससी व ऑल पीजी कोर्सेस एमए, एमएसई, एमबीए तथा एमबीबीएस, डी फार्मा, बी फार्मा के करीब 350 छात्र-छात्राओं ने कार्यशाला में भाग लिया।
परीक्षा नियंत्रक प्रो. मनोज ओझा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस से भविष्य में होने वाले परिवर्तन से भारत को विकसित करने में क्या योगदान रहेगा। आने वाले समय में आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस सिस्टम से स्वतः ही बीमारियों का पता लगाने वाले सिस्टम और बिना ड्राइवर के वाहन चलाने वाले सिस्टम को कैसे उपयोग में लाया जाएगा। कार्यशाला में फैकल्टी ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड साइंस के डीन डॉ धर्मराज सिंह, डॉ सुनील कुमार सिंह, डॉ संतोष चतुर्वेदी, डॉ अनिल कुमार, डॉ चन्द्रेश कुमार, डॉ शैलेंद्र कुमार, डॉ जगवीर सिंह, डॉ करन सिंह, डॉ संजू बाला, डॉ बेदवीर सिंह, डॉ सुमित शर्मा, डॉ सागरिका गोस्वामी आदि उपस्थित रहे